Understanding Cognition: A Brief Overview in Hindi
गहन अध्ययन, विश्लेषण, तथा समझ चुनौतीपूर्ण तीन स्तरों का मूल बुनियादी भाग है। सोचने एवं समझने के दौरान हम समझाया हुआ संसार का ज्ञान हासिल करते हैं। कैसे हमारी मनस्थति और बुनियाद पेंचे हमारी समझ को हमारी होसहब बनाते हैं, जो दीर्घ और विशेष अध्ययन, अनुभव और प्रारंभिक अध्ययन द्वारा निर्धारित होती है।
बुद्धिजीविका समझने का व्यापार
बुद्धिजीविका समझने या कोग्निशन हमें हमारे ज्ञान की गहराई को समझने की अनुमति देता है। यह हमें ये समझने में मदद करता है कि हमारी अंतरज्ञानी मनस्थति विभिन्न विषयों से कैसे बांटती है। बुद्धिजीविका एक ऐसा क्रियात्मक क्षेत्र है जिसमें मानसिक गतिविधियों, जैसे कि सोचने, समझने, अनुमोदन, स्मृति, ध्यान आदि की अध्ययन किया जाता है।
चित्त की होसहब
चित्त को हम प्रतिक्रियात्मकता के साथ समझ सकते हैं। मनोवृत्ति या प्रतिक्रियात्मकता शब्द के तहत आती है। मानव समझ का सार है। हमारी मनस्थति हमारे होसहब बनते हैं जो हमें दुनिया समझाने की अनुमति देते हैं।
कोग्निटिव बांधकता
कोग्निटिव बांधकता शब्द के तहत हमारी मनस्थति के भ्यास और प्रतिक्रियाओं को जाना जाता है। यह हमें समझने में मदद करता है कि आखिरकार हमारी समझ कैसे काम करती है और हमें इसे कैसे नियंत्रित करना चाहिए। कोग्निटिव बांधकता का एक तहत हम ये समझते हैं कि कैसे हमारी मनस्थति में प्रभाव होने पर हम विभिन्न व्यवहारों को मानते हैं।
संकल्पना और पुनर्विचार
कोग्निटिव बांधकता की स्थितियों में से दो हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। भविष्य के संबंध में संकल्पना बनाना और फिर पूर्व संस्कारों और परिणामों की मदद से पुनर्विचार करना हमारे लिए कठिन हो सकता है। इन स्थितियों में हमारे विचारों, शब्दों, एवं भावों को संशोधित करना जरूरी होता है।
सारांश
इस ब्लॉग आर्टिकल के माध्यम से हमने यह जाना कि बुद्धिजीविका समझने से हमारी मनोवृत्ति को कैसे समझा जाता है। हमने चित्त की होसहब, कोग्निटिव बांधकता, संकल्पना एवं पुनर्विचार जैसे प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया। साथ ही समझाया गया कि कोग्निटिव बांधकता के तहत हमारी मनस्थति को संशोधित करने के लिए हमें कैसे जागरूक बनाया जा सकता है।